केंद्रीय बजट 2021-22 की मुख्य बातें / स्वास्थ्य और कल्याण
हाल ही में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट
2021-22 पेश किया गया, जो देश का प्रथम डिजिटल केंद्रीय बजट है।
वर्ष 2021-22 के बजट प्रस्ताव इन 6 स्तंभों पर आधारित है :
1.स्वास्थ्य और कल्याण
2.भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना
3.आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
4.मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना
5.नवाचार और अनुसन्धान और विकास
6.न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
प्रमुख बिंदु :-
1.स्वास्थ्य और कल्याण :-
बजट 2021 -22 में स्वास्थ्य और कल्याण में 2,23,846 करोड़ रुपये का व्यय रखा गया है,
जबकि 2020 – 21 में यह 94,452 करोड़ रुपये था । यह 137 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है ।
- टीका – वर्ष 2021 -22 के बजट में कोविड -19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ का प्रावधान
किया गया । भारत में तैयार “न्यूमोकोकल वैक्सीन” जो मौजूदा समय में केवल पांच राज्यों तक ही
सीमित है,को देश भर में उपलब्ध कराया जाएगा । इसका उद्देश्य हर वर्ष 50,000 बच्चों को मौत
के मुंह में जाने से बचाना है ।
- स्वाथ्य प्रणालियां –
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वथ्य भारत योजना के लिए 6 वर्ष में 64,180 करोड़ रुपये व्यय किए
जाएंगे -एक नई केंद्र प्रायोजित योजना,जिसे राष्ट्रीय स्वाथ्य मिशन के अतिरिक्त शुरू किया जाएगा।
इसके अंतर्गत 17, 788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वाथ्य और वेलनेस केंद्रों को सहायता,सभी
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी सार्वजनिक स्वाथ्य लैबों को जोड़ने के लिए एकीकृत स्वाथ्य
सूचना पोर्टल का विस्तार और विषाणु विज्ञानं के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना की
जाएगी ।
स्वच्छ भारत,स्वथ्य भारत – 2021 -2026 तक पांच वर्ष की अवधि में 1,41 ,678 करोड़ रुपये
के कुल वित्तीय आवंटन के साथ शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 लागू किया जाएगा ।
पोषण – मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ होगा,112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणामों में सुधार
लाने के लिए एक सुदृढ़ीकृत कार्यनीति अपनायी जाएगी ।
जल आपूर्ति का सर्वव्यापी कवरेज -जल जीवन मिशन (शहरी ) के लिए पांच वर्ष में 2,87,000
करोड़ रुपये का परिव्यय किया जायेगा -इसके अंतर्गत 2.86 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन,सभी
4,378 स्थानीय निकायों में सर्व सुलभ जल आपूर्ति और 500 अमृत शहरों में तरल कचरा प्रबंधन
किया जायेगा ।
वायु प्रदूषण – वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42
शहरी केंद्रों के लिए 2,217 करोड़ रुपये की राशि आवंटित किया गया ।
स्क्रैपिंग नीति -पुराने और अनुपयुक्त पाए जाने वाले वाहनों को चरणवद्ध ढंग से हटाने के लिए एक
स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की भी घोषणा की गयी। निजी वाहनों के मामले में 20 साल बाद और
वाणिज्यिक वाहनों के मामले में 15 साल बाद स्वचालित फिटनेस केंद्रों में फिटनेस परीक्षण कराए
जाने का प्रस्ताव है ।
स्रोत: पी.आई.बी
—————-केंद्रीय बजट 2021-22 की मुख्य बातें/भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना अगले पेज में अपलोड किया जाएगा ।
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