केंद्रीय बजट 2021-22/न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन :-
हाल ही में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट
2021-22 पेश किया गया, जो देश का प्रथम डिजिटल केंद्रीय बजट है।
वर्ष 2021-22 के बजट प्रस्ताव इन 6 स्तंभों पर आधारित है :
1.स्वास्थ्य और कल्याण
2.भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना
3.आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
4.मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना
5.नवाचार और अनुसन्धान और विकास
6.न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
( केंद्रीय बजट 2021-22 / स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित मुख्य बातें 12 February 2021 , भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना 13 February 2021, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास 14 February 2021,मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना 15 February 2021, नवाचार और अनुसन्धान और विकास 16 February को Upload किया जा चुका है ) जिसका लिंक :-
केंद्रीय बजट 2021-22/ स्वास्थ्य और कल्याण
केंद्रीय बजट 2021-22/ भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना
केंद्रीय बजट 2021-22/आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
केंद्रीय बजट 2021-22/ मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना
केंद्रीय बजट 2021-22/ नवाचार,अनुसन्धान और विकास :-
भारत के इतिहास में पहली डिजिटल /स्वतंत्र भारत की आठवीं जनगणना के लिए 3,768 करोड़ रुपये आवंटित किया गया ।
गोवा स्वतंत्रता की हीरक जयंती समारोह मनाने के लिए गोवा सरकार को 300 करोड़ रुपये आवंटित किया गया ।
असम और पश्चिम बंगाल में चाय बगान कामगारों विशेष रूप से महिला और उनके बच्चों की कल्याण के लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटित किया गया ।
2021-22 के बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत अनुमानित है। सरकार की उधारी, बहुपक्षीय उधारी, लघु बचत कोष और लघु अवधि की उधारी से प्राप्त धन के कारण 2020-21 के वास्तविक अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत हो गया है।
अगले वर्ष के लिए बाजार से सकल उधारी लगभग 12 लाख करोड़ रुपये रखे गए है।
2025-26 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत तक करने के लिए राजकोषीय संकोचन के मार्ग पर अग्रसर होने की योजना है।
15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत कुल उधारी प्राप्त करने की मंजूरी दी गयी
15वें वित्त आयोग के अनुसार 2021-26 के लिए , केंद्र की कर प्राप्तियों का 41 प्रतिशत हिस्सा राज्यों के बीच वितरित किये जाने की सिफारिश की गयी । केन्द्र से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेशों को धन उपलब्ध कराया जाएगा।
15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2020-21 में 14 राज्यों को राजस्व हानि अनुदान के रूप में 74340 करोड़ रुपये की अपेक्षा 2021-22 में 17 राज्यों को 118452 करोड़ रुपये आवंटित किया गया ।
कॉरपोरेट कर की दर कम कर विश्व में सबसे कम स्तर पर लाया गया ।
2014 में आयकर दाखिल करने वालों की संख्या 3.31 करोड़ से बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई।
बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है ।
छोटे चैरिटेबल, जो विद्यालय और अस्पताल चला रहे है उन्हें वार्षिक प्राप्ति की छूट सीमा 1 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये की गई ।
स्रोत: पी.आई.बी
—————केंद्रीय बजट 2021-22 पर आधारित महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न अगले पेज में अपलोड जाएगा ।
Unchiudaan : CGHS/ Set No.-01 से 40 Questions No.740 से लेकर
1305 तक/ Unchiudaan: Dus Ka Dum Set No. 01 से लेकर 30 Multiple Choice Objective Questions No. 300 / Bihar Current affairs Total Set 19/Bihar Economy Survey 2019-20/ Energry Sector/Rural Development /Urban Development/Child/Human Development/ Bihar: Big Bang Set No. 1/ www.unchiudaan.in पर उपलब्ध है !